संत धन्ना
- संत धन्ना राजस्थान के एक जाट घराने में जन्म हुआ था।
- वह श्री रामा नंदजी के शिष्यो में से एक थे।राजस्थान में धार्मिक आंदोलन का श्रीगणेश करने का श्रेय इन्ही को जाता है।
- संत धन्ना का जन्म 1415 ई. में वर्तमान के टोंक जिले के धुवन गाँव में हुआ था।
- वह गृहस्थ थे और कृषि करके अपने परिवार का पोषण करते थे।प्रियदास कृत भक्तमाल की टीका से पता चलता है कि वह प्रारंभ में मूर्ति पुजक थे।
- गुरु रामा नन्द के प्रभाव में आते ही गृहस्थ जीवन व्यतीत करते हुए भी घर पर ही भगवान की भक्ति , साधु संतों की सेवा और भगवान् ,गुरु,साधु को ही एक मान कर पूजना शरू किया।
रामा नन्द जी से दीक्षा पाई ,घर ही भगत करो लिवलाइ।
हरि गुरु साथ एक कर पूजों, कबू भाव घरो मत दूजो ।।
6. भक्त माला में भन्ना के जीवन की कई चमत्कारी घटनाओ का वर्णन मिलता है।
7. धन्ना गुरु भक्ति में बड़ी निष्ठा रखते थे। इनका मनना था कि गुरु भक्ति से ही परम पद प्राप्त हो सकता हैं
'दास धन्ना हरि के गुण गावे ,
गुर प्रसाद परम पद पावे ' ।।
8. धन्ना का मानना था कि आंतरिक खोज और मनन से ही भगवान् की प्राप्ति हो सकती है।
9. केवल ईश्वर के नाम समरण को ही इनकी प्राप्ति का प्रमुख साधन बताया तथा बाह्याडम्बरो का विरोध किया है।
10. धन्ना ने जाती पांति और ऊँच नीच का विरोध किया है।
11. धन्ना भगत श्री कृष्ण की पुजा करते थे।
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